नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर फाइनलाइन आर्ट अकादमी एंड गैलरी और सुदर्शन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “अष्टांग आर्ट प्रतियोगिता” का भव्य आयोजन 21 जून 2025 को नई दिल्ली के पांडव नगर में संपन्न हुआ। यह प्रतियोगिता योग के आठ अंगों (अष्टांग) पर आधारित थी, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को कला के माध्यम से योग के महत्व को अभिव्यक्त करने का अवसर देना था। इस प्रतियोगिता में कुल 80 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छोटे बच्चों से लेकर 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवा शामिल थे। प्रतिभागियों को चार समूहों में विभाजित किया गया था।
ग्रुप ए (कक्षा 1 से 4) में गियानश उप्पल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, काम्या द्वितीय स्थान पर रहीं, जबकि दिवित, सान्वी कौरव और देवांश अरोरा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। ग्रुप बी (कक्षा 5 से 9) में अन्वेषिका मिश्रा ने पहला स्थान हासिल किया, विशाखा को दूसरा स्थान मिला और सुचित्रा महेंद्रन व अनुष्का चौहान ने तीसरा स्थान साझा किया। ग्रुप सी (कक्षा 10 से 12) में रिया समी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, अनिश शर्मा को द्वितीय और वैभव राज व शिवम वर्मा को तृतीय स्थान मिला। ग्रुप डी (18 वर्ष से अधिक) में नंदिता मंडल को प्रथम पुरस्कार मिला, मानसी परिहार और सरला कुमारी को द्वितीय स्थान, जबकि भूमि आहुजा, अनामिका और शिवानी चौहान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता के समापन पर विजेताओं को मेडल और सभी प्रतिभागियों को सहभाग प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। पुरस्कार वितरण समारोह में प्राइम अकादमी के संस्थापक आकांक्षु कश्यप, फाइनलाइन आर्ट अकादमी एंड गैलरी के संस्थापक और निदेशक आशीष देशमुख, सुदर्शन फाउंडेशन की अध्यक्षा संयुक्ता देशमुख और फाइनलाइन आर्ट अकादमी की कार्यकारी प्रमुख स्नेहल देशमुख उपस्थित रहे।
इस अवसर पर फाइनलाइन आर्ट अकादमी एंड गैलरी के संस्थापक और निदेशक आशीष देशमुख ने कहा कि यह प्रतियोगिता योग और कला के अद्भुत समन्वय को दर्शाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी और इसे उम्मीद से कहीं अधिक प्रतिसाद मिला। उन्होंने इसका श्रेय प्रतिभागियों के उत्साह और रचनात्मकता को दिया और अगले वर्ष इस कार्यक्रम को और भी व्यापक रूप में आयोजित करने का संकल्प व्यक्त किया।
कार्यकारी प्रमुख स्नेहल देशमुख ने कहा कि यह केवल एक कला प्रतियोगिता नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना फैलाने का माध्यम था। प्रतियोगिता पूरी तरह नि:शुल्क पंजीकरण पर आधारित थी और सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खुली थी, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों के कलाकारों को मंच मिला।
नई दिल्ली के स्थानीय नागरिकों, प्रतिभागियों और अभिभावकों ने आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल प्रतिभाओं को उभारती हैं, बल्कि समाज में कला, संस्कृति और योग के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती हैं। आयोजकों ने भविष्य में ऐसे रचनात्मक और सांस्कृतिक उपक्रमों को और भी व्यापक स्तर पर आयोजित करने का विश्वास जताया।