Skip to content

मप्र: मुख्यमंत्री यादव बने शिक्षक, डोंगला वेधशाला में खगोल विज्ञान की दी जानकारी


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को डोंगला के निकट वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला में ‘जीरो शेडो’ की खगोलीय घटना का अवलोकन किया।
उन्होंने इस दौरान उपस्थित लोगों को सौर गति के माध्यम से समय परिवर्तन और कैलेंडर गणना की अवधारणा के बारे में भी समझाया।

सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने एक शिक्षक की तरह भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित खगोलीय विज्ञान की व्याख्या की।
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित खगोल विज्ञान को एक शिक्षक की तरह समझाया।
हर वर्ष 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर ग्रीष्म संक्रांति के दिन वेधशाला में स्थित शंकु यंत्र की छाया गायब हो जाती है।

यादव ने कहा कि प्राचीन काल में डोंगला काल गणना का प्रमुख केंद्र था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वेधशाला में आए विद्यार्थियों से कहा, “इसे काल गणना के केंद्र के रूप में फिर से स्थापित किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि सनातन संस्कृति युद्ध या हिंसा के माध्यम से शक्ति के प्रकटीकरण की बात नहीं करती बल्कि शिक्षा और विज्ञान के माध्यम से विश्व के कल्याण की बात करती है।

उन्होंने कहा, “भारतीय ज्ञान परंपरा में हमारे पूर्वजों ने विज्ञान को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाया और इसी वैज्ञानिक जीवनशैली ने आज तक हमारी संस्कृति को जीवित रखा है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *