इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा कि हाल ही में एक सेमिनार में उसके रक्षा अताशे द्वारा की गई टिप्पणी, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने राजनीतिक बाधाओं के कारण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने जेट विमान खो दिए, को “संदर्भ से बाहर” और “गलत तरीके से प्रस्तुत” किया गया था। यह स्पष्टीकरण तब आया जब कांग्रेस ने नौसेना अधिकारी के कबूलनामे को लपक लिया और मोदी सरकार पर मई में पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय संघर्ष के दौरान हुए सैन्य नुकसान पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे की टिप्पणी से विवाद
इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे की इस टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है कि भारतीय वायुसेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रारंभिक चरण में अपने लड़ाकू विमान का नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उसे पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला न करने तथा केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने का आदेश दिया गया था। कैप्टन शिव कुमार की 10 जून की टिप्पणियों का कथित वीडियो रविवार को ऑनलाइन सामने जिसमें उन्होंने कहा कि ‘भारतीय वायुसेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने लड़ाकू विमान खो दिए, क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने निर्देश दिया था कि उस दिन सीमा पार किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया जाएगा।’
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इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास की बयान पर सफाई
रविवार को कैप्टन शिवकुमार द्वारा 10 जून को एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों का कथित वीडियो सामने आने पर इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि अधिकारी ने केवल यह तथ्य कहा था कि भारतीय सशस्त्र बल भारत के कुछ अन्य पड़ोसी देशों के विपरीत, राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करते हैं। भारतीय नौसेना अधिकारी कैप्टन शिवकुमार पाकिस्तान-भारत युद्ध के दौरान वायु शक्ति के परिप्रेक्ष्य में जकार्ता के एक विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
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भारतीय रक्षा अताशे के बयान पर कांग्रेस ने शुरू की राजानीति
इस बीच, कांग्रेस ने रविवार को कैप्टन शिवकुमार की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने लड़ाकू विमानों का नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस ने सरकार पर इस मामले में देश को ‘‘गुमराह’’ करने का आरोप लगाया। इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि रक्षा अताशे की टिप्पणी को ‘‘संदर्भ से इतर उद्धृत किया गया है और मीडिया रिपोर्ट उनके द्वारा दिए गए बयान के उद्देश्य और महत्व को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है।’’
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना
इसमें कहा गया, ‘‘टिप्पणी में बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बल, हमारे पड़ोस के कुछ अन्य देशों के विपरीत, राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करते हैं। यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था और भारतीय कार्रवाई उकसावे वाली नहीं थी।’’ अपने संबोधन में भारतीय रक्षा अताशे ने कहा कि ‘‘राजनीतिक नेतृत्व’’ द्वारा दिए गए आदेश के कारण कुछ ‘‘बाधाओं’’ के मद्देनजर भारतीय वायुसेना प्रारंभिक चरण के ऑपरेशन में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं कर सकी।
विमान खो दिए… क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व की बाध्यता था
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सैन्य प्रतिष्ठान या उनकी वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने की बाध्यता के कारण हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, नुकसान के बाद हमने अपनी रणनीति बदली और हमने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। इसलिए, हमने सबसे पहले दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की और यही कारण है कि हमारे सभी हमलेसतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करके आसानी से किये जा सके।
पहलगाम में हुआ आतंकी हमला
ये हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 22 अप्रैल को 26 लोग मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय गांवों पर बार-बार गोलाबारी करके भारतीय हमलों का जवाब दिया। गोलाबारी में कम से कम 22 भारतीय नागरिक और आठ रक्षाकर्मी मारे गए। भारत और पाकिस्तान ने चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को गोलीबारी रोकने के लिए एक “समझौता” किया।