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किसी ने मुझे मजबूर नहीं किया… अपने संन्यास को लेकर आर अश्विन ने दिया बयान


भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का उनका फैसला निजी था और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में टेस्ट क्रिकेट छोड़ने के लिए उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया था। बता दें कि, 39 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले साल ब्रिस्बेन में 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। 

इसके बाद उन्होंने इस साल अगस्त में आईपीएल को भी अलविदा कह दिया। इससे वह दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने के लिए स्वतंत्र हो गए। वह इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में खेलते हुए दिखेंगे। इस कड़ी में वो बिग बैश लीग में खेलने वाले एकलौते भारतीय क्रिकेटर बनेंगे। 

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि, किसी ने मुझसे नहीं कहा कि तुम्हें संन्यास लेना चाहिए। किसी ने मुझसे नहीं कहा कि टीम में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। सच्चाई ये है कि संन्यास का फैसला करने से पहले दो-तीन लोगों ने मुझे ऐसा करने से इनकार कर दिया था लेकिन मैंने अपना फैसला लिया। असल में वे चाहते थे कि मैं और खेलूं। 

उन्होंने कहा कि, रोहित शर्मा ने भी मुझे इस बारे में फिर से सोचने को कहा था। गौती भाई ने भी मुझे दोबारा सोचने का कहा था। लेकिन मैंने इस बारे में अजीत अगरकर से ज्यादा बात नहीं की। अश्विन ने कहा कि, जब संन्यास की बात आती है तो मेरा फैसला भी निजी था। उनके इस बयान से उन अटकलों पर विराम लगा है जहां कहा गया कि टीम प्रबंधन ने उन्हें निर्णय लेने के लिए मजबूर किया था। 



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